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AscendEX लेवरेज्ड ETFs पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
2022-05-26 पर पब्लिश हुई
अगर आपको कोई समस्या है तो कृपया AscendEX लेवरेज्ड ETFs पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न देखें।
1. ट्रेडिंग के लिए कौन से लेवरेज्ड ETFs उपलब्ध हैं?
वर्तमान में प्लेटफॉर्म पर छह लेवरेज्ड ETF टोकन्स उपलब्ध हैं, जिनमें BTC3S, BTC3L, BTC5S, BTC5L, ETH3S, ETH3L, ETH5S, ETH5L, XRP3S, XRP3L, XRP5S, XRP5L, TRX3S, TRX3L, TRX5S, TRX5L, GMT3S, GMT3L, APE3S, APE3L सहित कुल 20 ट्रेडिंग जोड़े हैं। (कृपया ध्यान दें: L का मतलब है लॉन्ग, जिसका मतलब है मार्केट को लॉन्ग करना; S का मतलब है शॉर्ट, जिसका मतलब है मार्केट को शॉर्ट करना; 3 और 5 का मतलब है 3x और 5x लेवरेज्ड।) अधिक ट्रेडिंग जोड़े जल्द ही उपलब्ध कराए जाएंगे। ट्रेडिंग जोड़ों के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए कृपया AscendEX लेवरेज्ड ETF ट्रेडिंग पेज पर नेविगेट करें।
2. लेवरेज्ड ETFs खरीदने के लिए क्या इस्तेमाल किया जा सकता है?
AscendEX लेवरेज्ड ETFs को USDT में कैलकुलेट किया जाता है, इसलिए उपयोगकर्ता USDT का इस्तेमाल करके लेवरेज्ड ETFs खरीद सकते हैं।
3. क्या लेवरेज्ड ETFs ट्रेडिंग के लिए अतिरिक्त कोलैटरल की जरूरत है?
नहीं। लेवरेज्ड ETF ट्रेडिंग स्पॉट ट्रेडिंग के समान है और उपयोगकर्ता अतिरिक्त कोलैटरल रखे बिना सीधे लेवरेज्ड ETF को AscendEX पर ट्रेड कर सकते हैं। कृपया ट्रेड करने के लिए AscendEX के लेवरेज्ड ETF ट्रेडिंग पेज पर नेविगेट करें।
4. क्या लेवरेज्ड ETF ट्रेडिंग पर कोई सीमाएं हैं?
नहीं। लेवरेज्ड ETF ट्रेडिंग पर कोई सीमाएं नहीं हैं। अगर आपके पास AscendEX अकाउंट है, तो आप किसी भी समय लेवरेज्ड ETF ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं।
5. क्या सब-अकाउंट्स को लेवरेज्ड ETFs ट्रेड करने की अनुमति है?
हाँ। लेवरेज्ड ETFs का इस्तेमाल करने के लिए सब-अकाउंट्स का इस्तेमाल किया जा सकता है।
6. अंतर्निहित एसेट क्या है?
एक अंतर्निहित एसेट का तात्पर्य उस एसेट से है जो डेरिवेटिव ट्रेडिंग में डेरिवेटिव को मूल्य देती है, जिसे अंतर्निहित एसेट के रूप में भी जाना जाता है। लेवरेज्ड ETF टोकन के मामले में, लेवरेज्ड ETF से जुड़ा टोकन अंतर्निहित एसेट है।
उदाहरण के लिए, अगर BTC लेवरेज्ड ETFs (BTC3L, BTC3S, BTC5L, और BTC5S) का अंतर्निहित एसेट BTC है, तो ETH लीवरेज्ड ETFs (ETH3L, ETH3S, ETH5L, और ETH5S) का अंतर्निहित एसेट ETH है।
7. नेट एसेट वैल्यू क्या है?
नेट एसेट वैल्यू अंतर्निहित एसेट के इसके शेयर पर आधारित वर्तमान उचित मार्केट वैल्यू है। जिस प्राइस पर उपयोगकर्ता लेवरेज्ड ETF खरीदते हैं, वह अंतर्निहित एसेट प्राइस नहीं है, बल्कि अंतर्निहित एसेट के संबंधित फंड के यूनिट के शेयर का वास्तविक मूल्य है।
8. अपनी वर्तमान लेवरेज्ड ETF होल्डिंग्स को कैसे चैक करें?
अपने लेवरेज्ड ETFs के बैलेंस को चैक करने के मामले में, प्रोसेस आपके स्पॉट ट्रेडिंग अकाउंट को चैक करने जैसा है। आप अपने वर्तमान लेवरेज्ड ETF होल्डिंग्स को चैक करने के लिए अपने कैश वॉलेट में प्रवेश कर सकते हैं।
9. क्या लेवरेज्ड ETFs विद्ड्रॉअल और ट्रान्सफर के लिए सपोर्टेड हैं?
नहीं! लेवरेज्ड ETFs अनिवार्य रूप से एक क्रिप्टो स्पॉट ट्रेडिंग एसेट के बजाय एक प्रकार का फाइनेंशियल डेरिवेटिव है। इसलिए, लेवरेज्ड ETFs सिर्फ ट्रेडिंग के लिए सपोर्टेड हैं, न कि डिपॉजिट, विद्ड्रॉअल, ट्रान्सफर, इन्वेस्टमेंट, कन्वर्जन और अन्य फंक्शन्स के लिए।
10. क्या लेवरेज्ड ETF ट्रेडिंग के लिए फीस की जरूरत होती है?
हाँ! लेवरेज्ड ETF ट्रेडिंग स्पॉट ट्रेडिंग की तरह काम करती है। स्पॉट ट्रेडिंग फीस स्टैंडर्ड के अनुसार, लेवरेज्ड ETFs ट्रेडिंग की फीस मेकर: 0.1000%/टेकर: 0.1000% है। AscendEX लेवरेज्ड ETFs रखने के लिए उपयोगकर्ताओं से मैनेजमेंट फीस भी लेगा। विवरण इस प्रकार हैं: लेवरेज्ड 5x ETFs: डेली होल्डिंग मैनेजमेंट फीस:0.5%, हर 8 घंटे में एक बार, दिन में 3 बार, और 0.167% हर बार चार्ज[AS1]। लेवरेज्ड 3x ETFs: डेली होल्डिंग मैनेजमेंट फीस:0.3%, हर 8 घंटे में एक बार, दिन में 3 बार, और 0.1% हर बार चार्ज[AS2]।
11. मैनेजमेंट फीस क्यों है?
लेवरेज्ड ETF अनिवार्य रूप से एक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) है। हर एक ETF परपेचुअल कॉन्ट्रैक्ट पोजीशन्स की एक निश्चित अमाउंट से मेल खाता है। फंड ऑपरेटर लेवरेज्ड ETF के डेली रिटर्न्स और संबंधित अंतर्निहित एसेट के स्पॉट रिटर्न्स के बीच एक फिक्स्ड मल्टीप्लायर सुनिश्चित करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट पोजीशन्स के डायनेमिक एडजस्टमेंट को लेवरेज करते हैं। वास्तविक फंड संचालन में, लेन-देन की लागत जैसे कि परपेचुअल कॉन्ट्रैक्ट लेनदेन फीस, फंडिंग फीस और ओपन पोजीशन का नुकसान होगा। प्लेटफॉर्म जिस मैनेजमेंट फीस को चार्ज करता है उसका इस्तेमाल इन लागतों का भुगतान करने के लिए किया जाता है।
12. रीबैलेंस मैकेनिज्म क्या है?
रीबैलेंस मैकेनिज्म लेवरेज्ड ETFs का मुख्य सिस्टम है जो एक निश्चित समय पर डेली चलता है। इसका उद्देश्य लेवरेज्ड ETF के डेली रिटर्न्स और संबंधित अंतर्निहित एसेट के स्पॉट रिटर्न्स के बीच एक फिक्स्ड मल्टीप्लायर सुनिश्चित करना है। AscendEX डेली मध्य रात्रि 2:30 a.m. UTC लेवरेज्ड ETF पोजीशन्स को रीबैलेंस करता है।
13. अस्थायी रीबैलेंस क्या है?
एक अस्थायी रीबैलेंस, रीबैलेंस मैकेनिज्म का पूरक है और इसे वाइल्ड मार्केट में उतार-चढ़ाव से जुड़े जोखिमों से निपटने के लिए डिजाइन किया गया था। यदि मार्केट में तेजी से उतार-चढ़ाव होता है और अंतर्निहित एसेट की प्राइस स्विंग रैंज पिछले रीबैलेंस प्वाइंट पर सेट सीमा से अधिक हो जाती है, तो प्लेटफॉर्म ट्रेडिंग के जोखिमों को कम करने के लिए एक अस्थायी रीबैलेंस करेगा। अस्थायी रीबैलेंस सिर्फ मार्केट के उतार-चढ़ाव के कारण नुकसान झेलने वाले प्रोडक्ट्स को टार्गेट करता है।
14. क्या रीबैलेंसिंग मैकेनिज्म के पोजीशन एडजस्टमेंट्स का मतलब होल्डिंग्स को बढ़ाना या घटाना है?
नहीं। रीबैलेंस मैकेनिज्म का पोजीशन एडजस्टमेंट्स लेवरेज्ड ETF के एक फिक्स्ड लेवरेज्ड अनुपात को बनाए रखने के लिए फंड ऑपरेटर के परपेचुअल कॉन्ट्रैक्ट पोजीशन्स के डाइनेमिक एडजस्मटेंट को संदर्भित करता है, जो लेवरेज्ड ETF की होल्डिंग्स को नहीं बदलेगा, बल्कि इसकी नेट एसेट वैल्यू को कैलकुलेट करने के लिए आधार होगा।
15. लेवरेज्ड ETFs की रीबैलेंस हिस्ट्री को कैसे चैक करें?
कृपया लेवरेज्ड ETF टोकन के ट्रेडिंग पेज में प्रवेश करें और रीबैलेंस विवरण को चैक करने के लिए रीबैलेंस हिस्ट्री पर क्लिक करें।
16. मर्ज/स्प्लिट क्या है?
उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाने के लिए, अगर रीबैलेंस के बाद लेवरेज्ड ETF की नेट एसेट वैल्यू किसी दी गई रैंज से कम है, तो प्लेटफॉर्म लेवरेज्ड ETH के लिए मर्ज ऑपरेशन करेगा। इसी तरह, अगर रीबैलेंस के बाद लेवरेज्ड ETF की नेट एसेट वैल्यू किसी दी गई रैंज से ज्यादा है, तो प्लेटफॉर्म लेवरेज्ड ETH के लिए स्प्लिट आपरेशन्स करेगा।
17. क्या मर्ज/स्प्लिट लेवरेज्ड ETF होल्डिंग्स की एसेट अमाउंट को प्रभावित कर सकता है?
नहीं। मर्ज/स्प्लिट का उद्देश्य सिर्फ उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाना है और इससे उपयोगकर्ताओं के पास होने वाले एसेट्स में कोई बदलाव नहीं आएगा। उदाहरण के लिए, मर्ज के साथ, लेवरेज्ड ETF की नेट एसेट वैल्यू मर्ज से पहले की तुलना में 10 गुना ज्यादा होगी, जबकि लेवरेज्ड ETF की अमाउंट को उसकी मूल साइज के 10% तक घटाया जाएगा। कुल मिलाकर उपयोगकर्ता की होल्डिंग साइज में कोई बदलाव नहीं होगा।
18. मर्ज/स्प्लिट कैसे चेक करें?
किसी भी मर्ज/स्प्लिट के लिए, AscendEX संबंधित विवरणों पर समय पर घोषणा करेगा। उपयोगकर्ता सीधे विशिष्ट लेवरेज्ड ETF के ट्रेडिंग पेज में प्रवेश कर सकते हैं, और आगे चैक करने के लिए रीबैलेंस हिस्ट्री – मर्ज/स्प्लिट पर क्लिक कर सकते हैं।
19. लेवरेज्ड ETFs ट्रेडिंग के लिए लिक्विडेशन के कोई जोखिम क्यों नहीं हैं?
लेवरेज्ड ETFs के ऑपरेटर्स रीबैलेंस मैकेनिज्म के माध्यम से फ्यूचर्स पोजीशन्स में डाइनेमिक एडजस्टमेंट्स कर सकते हैं, जो लेवरेज्ड ETFs को हर दिन एक फिक्स्ड लेवरेज्ड अनुपात बनाए रखने में सक्षम बनाता है। विशेष रूप से, अगर एक लेवरेज्ड ETF प्रोफिट कमाता है, तो लेवरेज्ड ETF की पोजीशन्स को बढ़ाने के लिए एक रीबैलेंस संचालित किया जाएगा। अगर नुकसान होता है, तो लिक्विडेशन से बचते हुए पोजीशन्स को स्वचालित रूप से कम करने के लिए एक रीबैलेंस भी किया जाएगा। लेवरेज्ड ETFs को ट्रेड करने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए कोलैटरल की जरूरत नहीं है। सैद्धांतिक रूप से, अगर लीवरेज्ड ETF टोकन जीरो पर वापस नहीं आता है तो लेवरेज्ड ETF के लिए लिक्वडेशन का कोई जोखिम नहीं है।
कृपया ध्यान दें: सैद्धांतिक रूप से, लेवरेज्ड ETF के लिए लिक्विडेशन का कोई जोखिम नहीं है। हालांकि, ट्रेंड के गलत पूर्वानुमानों के साथ, एक जोखिम यह होगा कि मार्केट की एक्स्ट्रीम कंडिशन्स के बीच लेवरेज्ड ETF की नेट एसेट वैल्यू 0 तक पहुंच जाएगी। संभावित जोखिमों को कम करने के लिए कृपया सतर्क रहें।
20. लेवरेज्ड ETFs ट्रेडिंग और स्पॉट ट्रेडिंग के बीच कोई अंतर?
स्पॉट ट्रेडिंग का मतलब है क्रिप्टो एसेट्स की उनकी स्पॉट प्राइस पर डायरेक्ट ट्रेडिंग। भले ही लेवरेज्ड ETF ट्रेडिंग अनिवार्य रूप से स्पॉट ट्रेडिंग की तरह है, उपयोगकर्ता वास्तव में क्रिप्टो एसेट्स के बजाय फंड शेयर्स को ट्रेड करते हैं।
21. लेवरेज्ड ETF ट्रेडिंग और मार्जिन ट्रेडिंग के बीच कोई अंतर?
कमाई के नजरिए से, मार्जिन ट्रेडिंग को निवेशकों की कमाई को उनके कोलैटरल को मल्टीप्लाई करके बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, धारित टोकन की अमाउंट के आधार पर लेवरेज के साथ। लेवरेज्ड ETFs को टोकन के प्राइस मूवमेंट्स को बढ़ाकर रिटर्न्स को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें लेवरेज अंतर्निहित एसेट्स के रिटर्न्स के साथ सीधे जुड़ा हुआ है।
ट्रेडिंग के दृष्टिकोण से, मार्जिन ट्रेडिंग को सिर्फ कोलैटरल और लोन उधार प्रदान करके सक्षम किया जा सकता है, जबकि लेवरेज्ड ETF ट्रेडिंग के लिए किसी कोलैटरल और लोन उधार लेने की जरूरत नहीं होती है।
जोखिमों के दृष्टिकोण से, मार्जिन ट्रेडिंग के लिए लिक्विडेशन के जोखिम हैं, जबकि सिद्धांत रूप में लेवरेज्ड ETF ट्रेडिंग के लिए लिक्विडेशन के कोई जोखिम नहीं हैं।
22. क्या लेवरेज्ड ETF ट्रेडिंग और फ्यूचर्स ट्रेडिंग के बीच कोई अंतर है?
ऑपरेशन्स के दृष्टिकोण से, फ्यूचर्स ट्रेडिंग के लिए ट्रेडर्स को कोलैटरल प्रदान करने की जरूरत होती है, जबकि लेवरेज्ड ETF ट्रेडिंग के लिए किसी कोलैटरल की जरूरत नहीं होती है। लेवरेज अनुपात के दृष्टिकोण से, फ्यूचर्स ट्रेडिंग का वास्तविक लेवरेज्ड अनुपात पोजीशन्स के मूल्य के साथ बदलता रहता है, जबकि लेवरेज्ड ETFs को एक फिक्स्ड लेवरेज अनुपात सुनिश्चित करने के लिए डेली और नियमित आधार पर एडजस्ट किया जाता है। जोखिम के संबंध में, फ्यूचर्स ट्रेडिंग के लिए लिक्विडेशन के जोखिम हैं, जबकि सिद्धांत रूप में लेवरेज्ड ETF ट्रेडिंग के लिए लिक्विडेशन के कोई जोखिम नहीं हैं।